Prevent Moss Growth in Pots: बरसात के मौसम में आपने देखा है की प्लांट्स बहुत तेजी से बढ़ते है साथ ही मानसून की वजह से पोधो में कुछ अलग अलग तरह की समस्या भी होती है मानसून के कारण होने वाली परेशानी जैसे -गमलो में मॉस का जमना | ये ऐसा तब होता है जब लगातार नमी व कम धुप और ज्यादा गीली मिटटी की वजह से मॉस का तेजी से फैलना | जिससे पोधो की जड़ो तक पोषक तत्व और हवा नहीं पहुंच पाते | इससे हमरे प्लांट की ग्रोथ रुख जाती है साथ हे उसकी सुंदरता में भी कमी आ जाती है।
अगर आप चाहते है की आपके प्लांट्स स्वस्थ रहे और आपके गार्डन के पॉट्स साफ़ और अच्छे रहे तो आपको मानसून सीजन में सही और अच्छी देखभाल के लिए कुछ आसान घरेलु उपाए अपना सकते है। आइये जानते है की बरसात में काई क्यों जल्दी लग जाती है और साथ हे पोधो पर उगने वाली काई से कैसे छुटकारा पा सकते है साथ ही कैसे हटा सकते है।
गमले की मिट्टी में काई हो जाने के क्या कारण हैं | Causes of Moss Growth in Potting Soil in Hindi
ये तो सभी को पता है की बरसात के मौसम में गमलो की मिट्टी पर काई उग आना एक आम समस्या है। लेकिन इसके पीछे के कई कारणों को समझा जाये ,तो समय रहते इसका समाधान किया जा सकता है। आज आपको बताते है कुछ पांच कारण जिससे मिटटी में काई क्यों उग जाती है।
अधिक नमी के कारण मिट्टी में काई जमना | Excess Moisture Causes Moss to Grow in Soil in Hindi
बरसात में अधिक पानी भर जाने या अधिक बार पानी देने से गमले की मिट्टी लगातार गीली बनी रहती है। यही कारण है की लगातार नमी बने रहने से मॉस के पनपने का यही मुख्य कारण होता है जब मिटटी लगातार नमी में रहती है और उसे सूखने का समय नहीं मिल पता है तो यह सतह पर हरे रंग की काई को जन्म देती है। साथ ही यह न केवल दिखने में खारब लगती है बल्कि पोधो की जड़ो में ऑक्सीजन पहुंचने में रुकावट डालती है जिससे हमारे प्लांट की ग्रोथ प्रभावित होती जाती है।
आपको पता होना चाहिए की प्लांट्स को स्वस्थ रखने के लिए सूर्य की सीधी रौशनी बहुत जरुरी होती है | अगर गमले को हम ऐसी जगह रख देते है जहा पर्याप्त मात्रा में धुप नहीं पहुँचती ,जिससे मिट्टी गीली और ठंडी बनी रहती है | ऐसी स्थिति काई के लिए अनुकूल होती है क्योंकि वह छयादार , ठंडी और नमी वाली सतह पर काई बहुत तेजी से फैलती है यही कारण है की मानसून के दौरान काई नमी सतह पर बहुत जल्दी फैलती है इसलिए मानसून के दौरान गमलो को ऐसी जगह रखना जरुरी है, जहाँ दिन में कम से कम 4-5 घंटे धुप मिल सके |
खराब ड्रेनेज सिस्टम से लगती है काई | Poor Drainage System Leads to Moss Formation in Hindi
हमें इस बात का भी ध्यान देना चाहिए की अगर गमले में पानी बहुत टाइम से भरा हुआ है तो उस पानी का जल स्तर कम करे, लगातार जलभराव बना रहता है | इसके कारण काई बढ़ने लगती है ड्रेनेज होल्स बंद, या ड्रेनेज होल्स ना होना साथ ही भारी मिट्टी के कारण भी पानी रुक जाता है जिससे हमारे पौधे की जड़े भी सड़ सकती है और हमारे प्लांट की हेल्थ पर असर पड़ता है| इसलिए सही ड्रेनेज सिस्टम बहुत जरुरी होता है ताकि मिट्टी में ऑक्सीजन बना रहे और काई न पनपे।
जैविक कचरे का जमाव है काई का कारण | Accumulation of Organic Debris Promotes Moss Growth in Hindi
हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए | की जब गमले की मिट्टी पर सूखे पते, गिरे हुए फूल, या अधपची खाद जमा हो जाती है, जिससे गमले की सतह पर लम्बे समय के लिए नमी को रोख के रख सकती है | यह जमा हुआ आर्गेनिक कचरा सतह को ढक देता है जिससे प्लांट में धुप नहीं पहुँचती और मिट्टी में नमी लगातार बनी रहती है | ऐसी स्थिति काई के विकास को बढ़ावा देती है | नियमित रूप से गमले की ऊपरी सतह को साफ़ करना चाहिए | साथ ही मलबा हटाना और मिट्टी को हिला देना इस समस्या को रोक सकता है |
अम्लीय मिट्टी या असंतुलित पीएच | Acidic Soil or Imbalanced pH in Hindi
आपको पता होना चाहिए | की काई अम्लीय मिट्टी में बहुत अधिक तेजी से फैलती है | यदि मिट्टी का pH लेवल 5.0 से निचे चला जाता है , तो उस स्थिति में काई जमने लगती है ऐसी स्थिति में पौधे की ग्रोथ धीमी हो जाती है जिससे मिट्टी में उपस्थित आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता भी प्रभावित होती है जिससे हमें मिट्टी pH बैलेंस जांचना और साथ से जरुरत पड़ने पर उसमे चुना या जैविक सुधारक मिलाना भी बहुत जरुरी होता है जिससे काई पनपने न पाए और प्लांट हेल्दी बना रहे।