घर पर गमले में उगाएं नीम का पेड़ | How to Grow Neem Tree in Pot

How to Grow Neem Tree: भारतीय घरों में नीम के पेड़ का अपना अलग महत्व होता हैं, फिर चाहे उसके औषधीय गुणों को लेकर हो या पर्यावरणीय महत्व के कारण। भारतीय घरों में नीम का पौधा लगाना काफी पसंद किया जाता है। लेकिन अक्सर जगह की कमी के चलते नीम का पेड़ अपने घर पर लगाने से चूक जाते हैं। अगर आपके घर में जगह की कमी हैं और आप भी अपने घर पर नीम का पेड़ (How to Grow Neem Tree) लगाना चाहते हैं तो ये लेख आपके लिए ही हैं।

आपके घर में जगह की कमी हैं तब भी आप अपने घर पर नीम का प्लांट ग्रो (How to Grow Neem Tree) कर सकते हैं। नीम के पेड़ को बड़े गार्डन के अलावा गमले में भी उगाया जा सकता हैं। अगर आपके घर में जगह की कमी हैं तो आप इसे गमले में भी ऊगा सकते हैं। यह न सिर्फ आपके घर की एयर क्वालिटी को इम्प्रूव करेगा बल्कि आपके घर में पॉजिटिव एनर्जी भी देता है।

नीम के पौधे को अधिक देखभाल की आवश्यकता नहीं होती हैं, लेकिन अगर आप इसकी सही तरीके से देखभाल करें तो यह गमलें में भी ग्रो हो सकता है। इस लेख में जानेंगे कि आप अपने घर पर गमले में नीम का पौधा कैसे लगाएं (Chhote gamle mein neem ka paudha kaise ugaye) एवं उसकी अच्छी ग्रोथ कैसे मेंटेन करें (Neem Plant Care In Pot In Hindi) और अपने घर में एक हेल्दी नीम का पौधा कैसे बड़ा करें।

छोटे गमले में नीम का पेड़ उगाने के टिप्स | How to Grow Neem Tree in Pot

ज्यादातर लोग मानते हैं नीम के पौधे को लगाने के लिए बड़ी जगह की आवश्यकता होती हैं, इसे गमलों में नहीं उगाया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हैं, सही केयर और प्लानिंग के साथ नीम के पेड़ को छोटे गमले में आसानी से उगाया जा सकता है। अक्सर घरों में गार्डन के लिए जगह कम होती हैं जिसके चलते कई बार अपने पसंदीदा पौधों को उसमे नही लगा पाते हैं। ऐसे में आप उन पौधों को गमले में लगा सकते हैं। आइए जानते हैं नीम का पेड़ गमले में लगाने (neem ka ped ugaane) के लिए कुछ जरुरी टिप्स:

सही पॉट का चयन करें | Right Pot Selection in Hindi

नीम का पौधा स्वस्थ और तेजी से बढ़े, इसके लिए पॉट का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है। आदर्श रूप से, मीडियम साइज का पॉट चुनें ताकि जड़ों को पर्याप्त स्थान मिल सके और उनका फैलाव अच्छा रह सके। पॉट के नीचे ड्रेनेज होल्स का होना जरूरी है, ताकि अतिरिक्त पानी आसानी से बाहर निकल जाए और मिट्टी में पानी भराव की समस्या ना हो। मिट्टी या सीमेंट के पॉट इस काम के लिए उपयुक्त माने जाते हैं क्योंकि ये नमी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

अगर प्लास्टिक का पॉट उपयोग कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि उसकी मोटाई ज्यादा हो और वह धूप में गर्म होकर पौधे की जड़ों को नुकसान न पहुंचाए। सही पॉट का चयन नीम के प्लांट की जड़ों को स्वस्थ, मजबूत और रोगमुक्त रखने में सहायक होता है तथा आपको लंबे समय तक एक हेल्दी पौधा मिलता है।

सॉइल मिक्स तैयार करें | Soil Mix Preparation in Hindi

नीम के पौधे को बढ़िया ग्रोथ देने के लिए सिर्फ सामान्य मिट्टी पर्याप्त नहीं होती; उसे एक बेहतरीन सॉइल मिक्स की जरूरत होती है। इसके लिए आप 60% गार्डन सॉइल, 20% कोकोपीट और 20% वर्मी कम्पोस्ट मिलाएं। कोकोपीट मिट्टी को हल्का और हवादार बनाता है, जबकि वर्मी कम्पोस्ट प्लांट की पोषण ज़रूरतें पूरी करता है। यदि चाहें तो थोड़ी सी नदी की बालू या रेत भी मिला सकते हैं, जिससे मिट्टी का ड्रेनेज बेहतर रहेगा और जड़ों को ऑक्सीजन मिलती रहेगी।

इस तरह का सॉइल मिक्स नीम के पौधे की जड़ों के लिए एक उपयुक्त और संतुलित वातावरण बनाता है। पौधा गमले में भी खुलकर ग्रो करता है और फंगस या अन्य बीमारियों की संभावना कम हो जाती है। यह नीम के पौधे की सेहत और दीर्घायु का आधार बन जाता है।

बीज या सैपलिंग का चयन | Seed or Sapling Selection in Hindi

नीम का पौधा आप बीज या सैपलिंग दोनों से उगा सकते हैं लेकिन सफलता के लिए बीज ताजा और अच्छी क्वालिटी का होना चाहिए। पुराने बीज जल्दी सूख जाते हैं और उनमें से अंकुर आने की संभावना कम हो जाती है। यदि बीज लगा रहे हैं तो बाहरी कवर हटा दें ताकि स्प्राउटिंग जल्दी हो। नर्सरी से सैपलिंग लेते समय उसका रंग, पत्तों का स्वास्थ्य और जड़ों की मजबूती की जांच जरूर करें।

सही सैपलिंग या बीज चुनने से पौधा जल्दी सेट होता है और उसकी ग्रोथ भी मजबूत रहती है। स्वस्थ नीम के पौधे की शुरुआत अच्छी क्वालिटी की सैपलिंग या बीज से ही संभव है, इसलिए रेंडम प्लांटिंग से बचें और जिनती बार संभव हो, लोकल नर्सरी से बीमारी-मुक्त पौधे चुनें।

बीज बोना या सैपलिंग लगाना | Planting or Sapling in Hindi

नीम के बीज को लगाने के लिए पॉट में लगभग एक इंच गहराई पर डालें और ऊपर से हल्की मिट्टी से ढक दें। पानी देने के बाद हल्के हाथों से मिट्टी को सैट करें ताकि बीज को पर्याप्त नमी मिले और अंकुरण में आसानी हो। नर्सरी से लायी हुई सैपलिंग लगाते समय जड़ों को ठीक ढंग से फैलाएं और पॉट के सेंटर में पौधा रखें, चारों तरफ मिट्टी को हल्के से दबाएं ताकि रूट्स को सपोर्ट मिले।

ध्यान रखें कि लगाने के तुरंत बाद हल्का पानी जरूर डालें, इससे जड़ और मिट्टी के बीच सही संपर्क बनेगा और पौधा अच्छे से स्थापित हो जाएगा। अगर मिट्टी में एयर गैप ज्यादा रह जाएं तो जड़ें सूख सकती हैं या पौधा जल्दी सेट नहीं होगा, इसलिए मिट्टी को हल्के हाथ से दबाना जरूरी है।

हल्का पानी दें | Light Watering in Hindi

नीम का पौधा शुरूआती दिनों में अधिक पानी का मांग नहीं करता, इसलिए ओवर-वॉटरिंग से बचना बेहद जरूरी है। बीज या पौधा लगाने के बाद सिर्फ उतना ही पानी दें कि मिट्टी थोड़ी नमीदार रहे, न कि गीली। इससे बीज जल्दी अंकुरित होंगे और सैपलिंग जमीन में आसानी से सेट हो जाएगी।

हर बार पानी देने के बाद चेक कर लें कि पॉट के ड्रेनेज होल्स से अतिरिक्त पानी निकल रहा है या नहीं। पानी जमा रहने से रूट रॉट (जड़ सड़ना) की समस्या हो सकती है। धीरे-धीरे जैसे पौधा ग्रोथ करता है, पानी की मात्रा को बढ़ा सकते हैं लेकिन हमेशा मिट्टी की नमी को देखकर ही पानी दें।

पर्याप्त धूप देंं | Sunlight Arrangement in Hindi

नीम का पौधा (How to Grow Neem Tree) हेल्दी ग्रोथ के लिए प्रतिदिन कम-से-कम 5-6 घंटे की डायरेक्ट सनलाइट चाहता है। अगर पौधा छाया में रहेगा तो उसकी ग्रोथ धीमी हो जाएगी और पत्ते पीले पड़ सकते हैं। पॉट को ऐसी जगह रखें जहां ज्यादा से ज्यादा नेचुरल लाइट मिले, जैसे छत, बालकनी, या खिड़की के पास।

अगर बारिश या मौसम खराब होने की वजह से ज्यादा पानी जमा हो जाए तो प्लांट को शेड में रखिए ताकि अत्यधिक नमी से बचाया जा सके। पर्याप्त सनलाइट से नीम के पौधे के पत्तों का रंग गहरा हरा और पौधा स्वस्थ रहता है, जिससे प्राकृतिक तौर पर उसकी प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत रहती है।

सपोर्ट लगाएं | Support Stick in Hindi

नीम का पौधा बढ़ते समय कभी-कभी पतला और नाजुक हो सकता है, खासकर जब वह नया या छोटा हो। हवा या बारिश के समय पौधे के गिरने या टेढ़ा होने की संभावना रहती है। ऐसे में एक पतली लकड़ी की स्टिक या बांस का सहारा पौधे के पास लगाएं और नरम कपड़े या डोरी से हल्के से बांध दें।

ध्यान रखें कि धागा या डोरी ज्यादा टाइट न बंधी हो, वरना पौधे की स्टेम कट सकती है और ग्रोथ पर असर पड़ेगा। धीरे-धीरे जैसे पौधा मजबूत हो, सहारे की जरूरत कम हो जाती है। यह तरीका पौधे को शुरुआती दौर में टूटने या झुकने से बचाता है।

फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करें | Use Fertilizer in Hindi

नीम के पौधे को अत्यधिक फर्टिलाइजर की जरूरत नहीं होती, लेकिन महीने में एक बार ऑर्गेनिक या लिक्विड फर्टिलाइजर जैसे गोमूत्र घोल या घर का कम्पोस्ट डालना लाभकारी रहेगा। इससे पौधे को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं और पत्ते घने, हरे और स्वस्थ रहते हैं।

रासायनिक खाद का अधिक इस्तेमाल न करें क्योंकि वह पौधे की जड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। समय-समय पर नीम केक (Neem Cake) मिलाने से मिट्टी की क्वालिटी बेहतर होती है और पौधे को प्राकृतिक ढंग से पोषण मिलता है। ध्यान रखें कि बालू और कम्पोस्ट का अनुपात संतुलित रहे।

कीटों को कंट्रोल करें | Pest Control in Hindi

हल्के पौधे अवस्था में नीम पर भी कभी-कभी कीट या फंगस का हमला हो सकता है, खासकर अगर नमी ज्यादा हो। ऐसे में पत्तों पर कीड़े या सफेद धब्बे दिखें तो तुरंत नीम ऑयल का हल्का स्प्रे करें या साबुन-पानी से पत्तों की सफाई कर लें। इससे पत्ते स्वस्थ रहेंगे और कीट प्रकोप नियंत्रित रहेगा।

रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल अवॉयड करें क्योंकि इससे पौधे को साइड इफेक्ट हो सकते हैं। पानी का स्टग्नेशन होने पर फंगल इंफेक्शन भी हो सकता है, इसलिए सही ड्रेनेज और वॉटरिंग सिस्टम को हमेशा मेंटेन रखें। जैविक उपायों से नीम का पौधा स्वयं भी प्राकृति‍क पेस्ट कंट्रोलर का रोल निभाएगा।

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