How To Grow Mehndi Plant In Hindi: आजकल ज़्यादातर लोग अपने घर की बालकनी या छत पर छोटे-छोटे गमलों में पौधे लगाना पसंद करते हैं। गार्डनिंग का यह शौक न केवल घर को खूबसूरत बनाता है बल्कि ताज़गी और सुकून का एहसास भी कराता है। गार्डनिंग के इसी शौक में आप एक नया रंग मेंहदी का पौधा लगाकर भर सकते हैं। अपने गार्डन में लगाया गया हर एक पौधा एक नई ताजगी का अहसास कराता हैं, इन्हीं खास पौधों में से एक है मेंहदी (Henna/Mehndi) का पौधा। मेंहदी का नाम सुनते ही हाथों की सजावट और उसकी मीठी-सी खुशबू याद आ जाती है।
ज्यादातर लोगो को लगता हैं की मेंहदी को सिर्फ बड़े गार्डन में उगाया जाता हैं लेकिन आप इसे आसानी से अपने घर पर गमले में भी उगा सकते हैं। बस सही मिट्टी, पर्याप्त धूप और समय-समय पर पानी मिलता रहे तो यह पौधा तेजी से बढ़ता है और आपके गार्डन का आकर्षण बन जाता है। आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि घर पर गमले में मेंहदी का पौधा कैसे लगाया जाए (How to Grow Mehndi Plant), कटिंग से इसे कैसे उगाया जाए और इसकी सही देखभाल कैसे करें ताकि यह लंबे समय तक हरा-भरा रहे।
मेंहदी के पौधे के लिए गमला या ग्रो बैग | Pot Size For Mehndi Plant In Hindi
अगर आप गमले या अपने गार्डन में मेंहदी का पौधा लगाना चाहते हैं, तो उसके लिए कुछ ज़रूरी चीज़ों की तैयारी करनी होगी। सही सामान आपके पौधे को जल्दी बढ़ने और लंबे समय तक हरा-भरा रहने में मदद करता है।
- बीज
- कटिंग
- खाद
- गमला या ग्रो बैग
- उपजाऊ मिट्टी
- गार्डनिंग टूल्स
मेंहदी का पौधा कब लगाएं | Planting Season Of Mehndi Plant In Hindi
मेंहदी का पौधा लगाने का सबसे अच्छा समय बरसात का मौसम माना जाता है। इस दौरान मिट्टी में पर्याप्त नमी बनी रहती है, जिससे पौधे की जड़ें आसानी से पनप जाती हैं। बारिश के मौसम में मेंहदी की नई-नई शाखाएं निकलती हैं और पत्तियाँ भी ज्यादा घनी हो जाती हैं। गर्मियों में अक्सर यह पौधा सूख जाता है, इसलिए इसे बरसात में लगाना सबसे फायदेमंद होता है। मेंहदी की पत्तियों का इस्तेमाल न केवल हाथों को सजाने में किया जाता है, बल्कि यह बालों के लिए भी बेहद उपयोगी होती हैं।
मेंहदी के पौधे के लिए अच्छी मिट्टी | Good Soil For Mehndi Plant In Hindi
अपने गार्डन या गमले में मेंहदी के पौधे को लगाने के लिए अच्छी मिट्टी का चुनाव बहुत अहम है। इसके लिए उपजाऊ और रेतीली दोमट मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है, क्योंकि इसमें अतिरिक्त पानी आसानी से निकल जाता है जिससे जड़ें स्वस्थ रहती हैं। मिट्टी को और पोषक बनाने के लिए आप इसमें कोकोपीट, गोबर की खाद और वर्मीकम्पोस्ट मिला सकते हैं। अगर मिट्टी को हल्की और भुरभुरी बनाना चाहते हैं तो उसमें थोड़ी सी रेत मिलाना अच्छा रहेगा। इससे पौधे को बढ़ने के लिए सही वातावरण मिलेगा।
मेंहदी के पौधे के लिए गमला या ग्रो बैग | Pot Size For Mehndi Plant In Hindi
मेंहदी का पौधा आप गमले में भी आसानी से उगा सकते हैं। इसके लिए बस ध्यान रखें कि गमला या ग्रो बैग सही आकार का हो और उसमें ड्रेनेज यानी पानी निकलने की उचित व्यवस्था हो। ऐसा करने से पौधे की जड़ों में पानी जमा नहीं होगा और पौधा तेजी से बढ़ेगा। मेंहदी का पौधा लगाने के लिए अलग अलग साइज के गमले या ग्रो बैग इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे: 15×15 (WxH), 18×18 (WxH), 12X15 (WxH), 21×21 (WxH)।
घर पर मेंहदी प्लांट लगाने की विधि | Growing Method Of Mehndi Plant In Hindi
घर पर मेंहदी का पौधा लगाना बेहद आसान है और यह आपके गार्डन की खूबसूरती के साथ-साथ उसके उपयोग को भी बढ़ा देता है। अगर आप थोड़ी-सी देखभाल और सही तरीका अपनाएँ, तो गमले या आँगन में आसानी से हरा-भरा मेंहदी का पौधा तैयार कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि गमले या जमीन में मेंहदी लगाने का सही तरीका क्या है:
1. विधि: बीज से
अगर आप बीज से मेंहदी का पौधा उगाना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ आसान स्टेप्स का पालन करना होगा। इससे बीज जल्दी अंकुरित होंगे और पौधा स्वस्थ तरीके से बढ़ेगा। बीज से मेंहदी उगाने के लिए निचे दिए स्टेप्स को फॉलो करें-
- अच्छी क्वालिटी के मेंहदी के बीज ऑनलाइन या बीज भंडार से लें।
- गमले में उपजाऊ मिट्टी भरें और ऊपर से 2–3 इंच खाली छोड़ें।
- बीजों को 1–2 इंच गहराई में बोएं।
- स्प्रे पंप से हल्का पानी छिड़कें।
- मिट्टी में नमी बनाए रखें, लेकिन जलभराव न होने दें।
- 14 से 42 दिनों में बीज अंकुरित हो सकते हैं।
बीजों के जल्दी अंकुरित होने के लिए उनका उपचार करना ज़रूरी होता है। आप चाहें तो मेंहदी के बीजों को पहले टिश्यू पेपर की मदद से जर्मिनेट कर सकते हैं। जब बीज अंकुरित हो जाएं, तब उन्हें सावधानी से गमले में ट्रांसफर कर दें।
2. विधि: कटिंग/कलम से
अगर आप कलम यानी कटिंग से मेंहदी का पौधा लगाना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ आसान स्टेप्स का पालन करना होगा। सही तरीके से कटिंग लगाने पर पौधा जल्दी जड़ पकड़ लेता है और तेजी से बढ़ने लगता है। कलम यानि कटिंग से पौधा लगाने के लिए निचे दिए स्टेप्स को फॉलो करें-
- स्वस्थ, हरी और थोड़ी मोटी 6–8 इंच लंबी कटिंग चुनें, जिसका निचला हिस्सा थोड़ा सख्त हो।
- नीचे की पत्तियाँ हटा दें और ऊपर की पत्तियाँ रहने दें, ताकि मिट्टी में लगाने पर कटिंग सड़े नहीं।
- कटिंग के निचले हिस्से पर रूटिंग हार्मोन लगाएँ, इससे जड़ें जल्दी निकलेंगी।
- कटिंग को मिट्टी में 2–3 इंच गहराई तक लगाकर हल्के हाथ से दबाएँ।
- हल्का पानी दें और मिट्टी को हमेशा नम रखें, पर पानी जमने न दें।
- गमले को ऐसी जगह रखें जहाँ हल्की धूप और छाया दोनों मिलें।
- लगभग 10–15 दिनों में कटिंग से जड़ें निकलने लगेंगी और पौधा बढ़ना शुरू हो जाएगा।
मेंहदी की कटिंग लगाने के बाद बेहतर परिणाम के लिए सबसे पहले इसे छोटे गमले में जर्मिनेट करना अच्छा रहता है। छोटे गमले में पौधे की जड़ों को फैलने और मजबूत होने के लिए सीमित लेकिन संतुलित जगह मिलती है। जब कटिंग में नई कोंपलें और जड़ें अच्छी तरह विकसित हो जाएँ, तब आप इसे बड़े गमले या सीधे बगीचे की मिट्टी में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।
इस तरह पौधे को नए वातावरण में आसानी से एडजस्ट होने का समय मिल जाता है और ट्रांसप्लांट के बाद यह तेजी से बढ़ता है। ध्यान रखें कि बड़े गमले में लगाने के बाद मिट्टी में अच्छी ड्रेनेज हो और पौधे को पर्याप्त धूप व नमी मिलती रहे।
मेंहदी के पौधे की देखभाल कैसे करें | How To Take Care Of Henna Plants
मेंहदी का पौधा जितना सुंदर दिखता है, उसकी देखभाल भी उतनी ही आसान है। अगर आप सही तरीके से पानी, धूप और मिट्टी का ध्यान रखें, तो यह पौधा सालों तक हरा-भरा बना रहता है। गमले में हो या बगीचे में, थोड़ी-सी नियमित देखभाल से मेंहदी की पत्तियाँ घनी और स्वस्थ निकलती हैं।
मेंहदी का पौधा बहुत नाजुक और उपयोगी होता है। अगर इसकी देखभाल सही तरीके से की जाए तो यह न सिर्फ हरा-भरा और खूबसूरत दिखता है, बल्कि लंबे समय तक ताज़गी बनाए रखता है। नीचे मेंहदी की देखभाल के कुछ आसान लेकिन असरदार तरीके दिए गए हैं:
धूप की जरूरत
- मेंहदी को धूप बेहद पसंद है। अगर आप चाहते हैं कि आपका पौधा जल्दी बढ़े और हरा-भरा दिखे, तो इसे रोजाना कम से कम 5–6 घंटे धूप में रखें।
- ध्यान रहे कि गर्मियों में दोपहर की बहुत तेज और जलाने वाली धूप पौधे को नुकसान पहुँचा सकती है।
- इसके लिए आप पौधे पर कपड़ा ढक सकते हैं या शेड नेट का इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि धूप का असर संतुलित रहे।
पानी कब और कैसे दें
- मेंहदी को ज़्यादा पानी पसंद नहीं है। अगर मिट्टी लगातार गीली रहे तो जड़ें सड़ सकती हैं।
- हमेशा ध्यान रखें: मिट्टी सूखी लगे तभी पानी दें।
- पौधे के नीचे पानी जमा न हो, इसके लिए गमले या जमीन में अच्छी ड्रेनेज व्यवस्था होनी चाहिए।
- जब पौधा अच्छी तरह से स्थापित हो जाता है तो यह कम पानी और सूखे माहौल में भी आसानी से जीवित रह सकता है।
प्रूनिंग (छँटाई)
- पौधे को समय-समय पर हल्का-फुल्का काट-छाँट (प्रूनिंग) करते रहें।
- छँटाई करने से पौधे में नई कोपलें निकलती हैं और पौधा और भी घना और हरा-भरा हो जाता है।
- साथ ही, इससे आप पौधे का आकार और ऊँचाई भी अपनी पसंद के अनुसार नियंत्रित कर सकते हैं।
खाद (Fertilizer)
- मेंहदी को कम खाद की जरूरत होती है। ज़्यादा खाद देने से फायदा कम और नुकसान ज़्यादा होता है।
- महीने में एक बार पौधे को जैविक खाद दें, जैसे:
- गोबर की खाद
- कम्पोस्ट
- खाद हमेशा पौधे की जरूरत के हिसाब से ही डालें, इससे पौधा स्वस्थ और लम्बे समय तक ताजा रहता है।
कीट और बीमारियों से बचाव
- कभी-कभी मेंहदी के पौधे पर कीड़े या रोग लग सकते हैं। इससे बचाने के लिए आप:
- हल्के घोल के रूप में नीम का तेल छिड़कें।
- जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल करें।
- अगर पत्तियों पर कीड़े ज्यादा हो जाएँ तो पानी की हल्की धार से धोकर भी उन्हें हटाया जा सकता है।
- ध्यान रहे, पानी की धार बहुत तेज न हो, वरना पौधा डैमेज हो सकता है।
मेंहदी का पौधा घर पर लगाना वास्तव में बहुत आसान है। बस आपको इसकी कुछ बुनियादी ज़रूरतों का ध्यान रखना पड़ता है, जैसे सही धूप, उपजाऊ मिट्टी और संतुलित पानी। अगर यह तीन बातें आप ठीक से संभाल लें, तो आपका मेंहदी का पौधा जल्दी ही हरा-भरा और खूबसूरत दिखाई देगा।
यह पौधा सिर्फ सजावट या हरियाली बढ़ाने के लिए ही नहीं होता, बल्कि इसके औषधीय गुण और सौंदर्य लाभ भी बहुत मशहूर हैं। मेंहदी की पत्तियाँ न सिर्फ बालों को प्राकृतिक रंग और मजबूती देती हैं, बल्कि त्वचा की कई समस्याओं को भी दूर करने में मददगार साबित होती हैं। यही कारण है कि लोग इसे आयुर्वेदिक उपचार से लेकर घरेलू नुस्खों तक बड़े चाव से इस्तेमाल करते हैं।
अगर आप चाहते हैं कि आपका घर हमेशा हरियाली और ताजगी से भरा रहे, तो मेंहदी का पौधा लगाना एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल वातावरण को खुशनुमा बनाता है, बल्कि आपकी दिनचर्या में भी उपयोगी साबित होता है। अगर इस लेख या अनुभव से जुड़ी आपकी कोई राय या सवाल है, तो हमें कमेंट में ज़रूर बताएं। आपके सुझाव हमारे लिए कीमती हैं और हम उन्हें आगे के लेखों में शामिल करने की कोशिश करेंगे।